श्री चामुंडा माता (चक्रेश्वरी माता) मंदिर ग्राम- खण्डेला सीकर (राज०)
नमस्कार मित्रों!
हमारे मंदिर में आपका स्वागत है! हम हिंदू धर्म, भारतीय संस्कृति और सामुदायिक सेवा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक आध्यात्मिक समुदाय हैं। हमारा मंदिर 30 से अधिक वर्षों से स्थानीय समुदाय की सेवा कर रहा है और सभी के लिए खुला है।
माता जी के मंदिर की पूजा अर्चना पुजारी श्री चौथमल जी शर्मा के पूर्वजों के द्वारा होती आ रही है एवं वर्तमान में पुजारी श्री चौथमल जी की देखरेख में माता के मंदिर की पूजा अर्चना होती है वर्तमान रूप से श्री पंडित लक्ष्मण शर्मा जी मंदिर की पूजा अर्चना का कार्यभार संभालते हैं।
रजिस्ट्रेशन :- for80G[AA-TS7106[|08|15|-16|T-0043|80G
श्री चामुंडा माता मंदिर के निर्माण और उद्गम के विषय में बताया जाता है कि सन् 1600 ई० तक यह मंदिर खंडेला ग्राम में मालकेतु पर्वत (जो की अरावली पर्वतमाला का एक भाग है ) की तलहटी के अंतिम छोर में स्थित था।
सन् 1600 ई० के आसपास बताया जाता है की एक रात माताजी के मंदिर के पुजारी को रात्रि में स्वप्न में माताजी ने दर्शन दिए और कहा कि इस मंदिर के नजदीक श्मशान होने से मुझे दुर्गन्ध आती है अतः मेरा मंदिर किसी अन्यत्र स्थान पर स्थापित करो ।
पुजारी ने माता जी के चरणों में अपने शब्दों को अर्पित कर कहा कि माता मैं, तो स्वयं आपके द्वारा प्रदत्त भवन में रहता हूं। मुझे अन्यत्र स्थान पर मंदिर का निर्माण किस प्रकार करना होगा और कैसे होगा यह आप मुझे बताए ।
माता ने स्वप्न में पुजारी से कहा तुम प्रातः काल उठकर समस्त ग्राम वासियों को बुलाओ और मेरी पूजा अर्चना के बाद एक सूत की कुकड़ी को हल्दी की गाँठ पर लपेट कर जहां सूर्य अस्त होता है उस दिशा में अर्थात पश्चिम दिशा में फेंक देना । जहां पर यह सूत की कुकडी व् हल्दी की गांठ गिर जाए वहीं पर मेरे मंदिर का निर्माण करना।
माता के मंदिर में दाहिनी तरफ महाकाली देवी की प्रतिमा यानी की विग्रह है तथा बाई तरफ महा सरस्वती देवी की प्रतिमा यानी की विग्रह है, ठीक मध्य में चंड और मुंड विनाशिनी मां चामुंडा-ब्रह्माणी एवं रुद्राणी के रूप में विराजमान है।
माता के मंदिर के गर्भ गृह में ही एक शिवलिंग भी है जहां पर भगवान श्री गणेश, कार्तिकेय, मां पार्वती व गंगा माता की प्रतिमा भी स्थापित है।
माता का मंदिर पहाड़ी पर है और पहाड़ी की तलहटी में श्री भैरवनाथ का मंदिर है। माता के दर्शन के उपरान्त भैरव दर्शन का विधान है।
जिस पहाड़ी पर माता का भव्य मंदिर है उसके दाहिने तरफ एक और पहाड़ी है जिसे खेतर-नाथ बाबा की डूंगरी कहते हैं जिस पर बाबा खेतर-नाथ विराजमान हैं।
यहां दूर-दूर से श्रद्धालु माता के दर्शन पाने हेतु आते हैं दर्शन पाकर धन्य हो जाते हैं। चामुंडा देवी सभी के कष्टों को हरती है। जो भक्त माता को सच्चे मन से याद करता हुआ मंदिर में शीश झुकाता है माता उसकी हर विपदा का निवारण कर उसे आशीर्वाद देती है। किसी भी वक्त पर चाहे कैसी भी लौकिक और अलौकिक विपदा हो, माता उसका हरण कर लेती है। जो माता को आत्मा से ध्याता है, मानता है, उस पर माता की सदैव कृपा और आशीर्वाद रहता है।
माता जी के मंदिर की पूजा अर्चना पुजारी श्री चौथमल जी शर्मा के पूर्वजों के द्वारा होती आ रही है एवं वर्तमान में पुजारी श्री चौथमल जी की देखरेख में माता के मंदिर की पूजा अर्चना होती है वर्तमान रूप से श्री पंडित लक्ष्मण शर्मा जी मंदिर की पूजा अर्चना का कार्यभार संभालते हैं।
पुजारी :- लक्ष्मण शर्मा
पुत्र :- श्री चौथमल जी शर्मा
ब्रह्मपुरी वार्ड न० 20 खंडेला (सीकर) राज०
Portfolio
Watch Video
Aug 12, 2022
We are a Hindu that belives in Lord Rama and Vishnu Deva the followers and We are a Hindu that belives in Lord Rama and Vishnu Deva. This is where you should start Temple is place where hindu worship consectetur adipisicing elit, sed do
Watch More VideoTestimonials